गरीबी का दर्द
क्या रहेगी उनकी दर्द से करीबी
एक रोटी न दे सका कोई उस गरीब बच्चे को..
वो तस्वीर लाखों में बिक गयी
जिसमे रोटी के बगैर बच्चा उदास था ।
कुछ दिनो पूर्व सुबह सुबह समाचार पत्र को सरसरी निगाहों से पढ़ रहा था मेरी नजर एक सर्वेक्षण पर पड़ी जिसमे पांच वर्ष से कम उम्र के मरने वाले गरीब बच्चों की संख्या अमीर बच्चों की तुलना में दोगुनी है और वे अमीर बच्चों की तुलना में गंभीर कुपोषण के शिकार हैं !विकास के लिए सबसे जरूरी और प्रभावी उपाय शिक्षा है, जो सबको समान अवसर प्रदान करता है. इसलिए जरूरी है बच्चों के शुरूआती जीवन में ही शिक्षा में निवेश किए जाने की आवश्यकता है, खासकर जो वंचित और आर्थिक रूप से कमजोर हैं, ताकि बच्चों के जीवन में समानता और शिक्षा को बढ़ावा दिया जा सके.!बच्चों को जीवन में उचित मौका नहीं देना न केवल उनके भविष्य को प्रभावित करता है, बल्कि उनकी आने वाली पीढ़ियों को भी गरीबी और अशिक्षा से उत्पन्न समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है, जो उनके समाज के भविष्य को भी खतरे में डाल देता है. जब बच्चे अपने जीवन की शुरूआत असमानता भरे माहौल से करते हैं, तो जिन बच्चों के पास बहुत ज्यादा है और जिनके पास बहुत कम है के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर दिखाई पडता है, यह असमानता उनके जीवन, स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण के अधिकार को प्रभावित करता है.!आज सरकार गरीबी हटाने के लिए प्रयासरत है यह प्रयास अनुमोदनीय है पर गरीबी हटाने से अच्छा है गरीब के बच्चों को अमीरों वाले स्कूलों में भर्ती कर दिया जाए। गरीबी न मिटे न सही, गरीबी की हीन-भावना तो मिट जाएगी। यह चंद लाइन गरीबी के दर्द पर सटीक होगी -
दर्द गरीबों का लफ्जों में बयां नहीं कर सकते ..
कैसे जीते है वो हर पल यहाँ , कथनों में बयां नहीं कर सकते
ना ही जागरूकता है यहाँ पे नहीं कर्मों में सुकर्म
बिन सचेत हुए उनके दर्द को आप मिटा नहीं सकते !
खुद को मिटा दू गरीबों के लिए
बिन मिटाए खुद को उनके लिए !
गरीबी इंसान से हर वो काम कराती है जो वो चाहती है…चाहे फिर इंसान उस काम को करना चाहता हो या फिर नहीं आज गरीबी को झेलते परिवार बच्चो को जब गंदे नाले के पास कचरे रोटी खोजती उन असहाय नजरों को देखते है तब भी हमारा जमीर नही जागता ! उठो जागो गरीबी , असहाय परिवार की हो सके उतनी मदद करो
उत्तम जैन (विद्रोही )
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