मंगलवार, 23 अगस्त 2016
आधुनिक युग का तेरापंथ धर्म संघ —एक परिचय
सोमवार, 22 अगस्त 2016
तप की साधना और शरीर को फायदा
आगे पढ़े
रविवार, 21 अगस्त 2016
महावीर इंटरनेशनल द्वारा रोग निवारण केम्प का आयोजन
महावीर इंटरनेशनल द्वारा आयोजित नैत्र, डायबिटीज व ब्लडप्रेशर रोग निवारण केम्प में 430 मरीज लाभांविन्त, 310 मरीजों को प्रदान किए नजर के चश्मे
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
सूरत 21 अगस्त
'सब को प्यार' 'सब की सेवा' व 'जीओ और जीने दो' के परम् मानवता वादी सिद्धांत के साथ महावीर इंटरनेशनल की सूरत शाखा द्वारा रविवार 21 अगस्त को मजदूर बाहुल्य विस्तार पांडेसरा स्थित नव निर्मित तेरापंथ भवन में मेडिकल केम्प का आयोजन किया गया, न्यू सिविल हॉस्पिटल के सहयोग से आयोजित इस नेत्र रोग -ब्लड प्रेशर, डायबिटीज जाँच एंव उपचार शिविर में डायबिटीज एंव नेत्र रोग से ग्रसित 430 मरीजों का पंजीकरण किया गया, जिसमें 310 मरीजों को नजर के चश्मे प्रदान किए गए एंव 162 रोगियों की डायबिटीज एंव ब्लड प्रेशर रोग की जांच कर उन्हें दवाईयां प्रदान की गई, इस अवसर पर महावीर इंटरनेशनल के अध्यक्ष वीर आनंदीलाल हिंगड़, उपाध्यक्ष वीर यशवन्त सुराणा, सचिव वीर दिनेश सामर, वीर अनिल बरडिया, तथा गुजरात के झोन चेयरमेन वीर गणपत भंसाली, गवरनिंग काउन्सिल के आमन्त्रित सदस्य वीर सुरेन्द्र मरोठी, व पूर्व झोन चेयरमेन वीर डॉ रोशन बाफना, वीर एस एल डांगी, पूर्व अध्यक्ष डॉ एम् के वाडेल, वीर मुकेश जैन, वीर गणेशन, वीर नरपत शेखानी आदि पदाधिकारियों के अलावा तेरापंथ समाज पांडेसरा के अध्यक्ष श्री भंवरलाल बाबेल, मंत्री श्री उत्तम सोनी, तेरापंथ युवक परिषद उधना के श्री मुकेश बाबेल तथा श्री विनोद सिसोदिया तथा डॉक्टर वानखेड़े आदि महानुभाव उपस्थित थे, मेडिकल केम्प का शुभारम्भ संगठन की प्रार्थना एंव दीप प्रज्वल्लन कर किया गया। स्त्रोत .. गणपत जी भंसाली
शुक्रवार, 19 अगस्त 2016
बेटियो पर नाज
गुरुवार, 18 अगस्त 2016
समस्या बहुत है नजर तो डालो पल में समाधान
यों तो देश में समस्याओं की कमी नहीं। जहां नजर डालो, वहां समस्या। कुछ समस्याएं तो ऐसी, जिनका कोई भी, कैसा भी समाधान खोज लीजिए फिर भी समस्या का दंश बना ही रहता है। हमारी राजनीति में तो अनेक प्रकार की समस्याएं हैं, अगर हर एक का निदान करने बैठे तो सालों लग जाएंगे। पर इसकी भी कोई गारंटी नहीं कि समस्या सुलझ ही जाए।तमाम छोटी मोटी समस्याओं के बीच इधर दो-तीन प्रकार की समस्याओं को मैं बहुत शिद्दत से महसूस कर रहा है। ऐसी लगता है, उन समस्याओं के समाधान के बगैर हमारी जिंदगी बेगानी-सी है। मतलब, हम अब पारिवारिक रिश्तों से कहीं ज्यादा उन समस्याओं के विषय में सोचने लगे हैं।ये समस्याएं अनेक प्रकार की हैं और हम उन समस्या से परेशान रहते है !मगर उसके समाधान के लिए काफी कम्पनिया जागरूक है जेसे आपका स्वास्थ्य से सम्बन्धित कोई समस्या है घबराने की जरुरत नही 5 -7 समाचार पत्र खरीद लीजिये टीवी चेनल देख लीजिये सारा अखबार व् टीवी चेनल तरह-तरह के तेलों और कैप्सूलों के विज्ञापनों से भरा पड़ा रहता है। विज्ञापनों में छपने वाले फोटू व् विज्ञापन इस तरह ‘उत्साहित’ कर देते हैं कि वो फलां तेल या कैप्सूल लेने से आप के साथ जादू सा असर करेगा और दो दिन में समस्या गायब । ऐसा लगता है, इंसान की समस्त शारीरिक कमजोरी का समाधान तेल और कैप्सूल में छिपा पड़ा है। एक कुछ दिनों पूर्व एक केश तेल का विज्ञापन पर मेरी नजर पड़ी उसमे चेतावनी दी हुई आपके झड चुके बाल 7 दिन में उगाये और साथ में चेतावनी बालो में तेल डालकर हाथ अच्छे से धोये हथेली पर बाल उग सकते है ! गजब के भ्रामक विज्ञापन समझ में नही आता जन सामान्य को मुर्ख बनाने का क्या तरीका आजमाया जाता है ! बालों के झड़ने की समस्या.... आगे पढ़े
अनुशासनहीनता आज की मुख्य समस्या
बुधवार, 17 अगस्त 2016
भाई बहन का रिश्ता – रक्षाबंधन
शब्द एक अर्थ अनेक
आगे पढ़े
मंगलवार, 16 अगस्त 2016
रक्षाबंधन का त्यौहार
मित्रो ,बहनों , भाइयो भारत त्योहारों का देश है । यहाँ विभिन्न प्रकार के त्योहार मनाए जाते हैं । हर त्योहार अपना विशेष महत्त्व रखता है ।अब दो दिन बाद रक्षाबंधन का त्यौहार है ! मेरे फेसबुक , व्हट्स अप पर काफी बहने है उन्हें मेरी अग्रिम शुभकामना और एक भाई का सन्देश ----
रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक त्योहार है । यह भारत की गुरु-शिष्य परंपरा का प्रतीक त्योहार भी है । यह दान के महत्त्व को प्रतिष्ठित करने वाला पावन त्योहार है ।रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है । श्रावण मास में ऋषिगण आश्रम में रहकर अध्ययन और यज्ञ करते थे । श्रावण-पूर्णिमा को मासिक यज्ञ की पूर्णाहुति होती थी । यज्ञ की समाप्ति पर यजमानों और शिष्यों को रक्षा-सूत्र बाँधने की प्रथा थी । इसलिए इसका नाम रक्षा-बंधन प्रचलित हुआ । इसी परंपरा का निर्वाह करते हुए ब्राह्मण आज भी अपने यजमानों को रक्षा-सूत्र बाँधते हैं । बाद में इसी रक्षा-सूत्र को राखी कहा जाने लगा । कलाई पर रक्षा-सूत्र बाँधते हुए ब्राह्मण निम्न मंत्र का उच्चारण करते हैं-
येन बद्धो बली राजा, दानवेन्द्रो महाबल: ।
तेन त्वां प्रति बच्चामि, रक्षे! मा चल, मा चल ।।
आगे पढ़े http://www.vidrohiawaz.com/%e0%a4%b0%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b7%e0%a4%be%e0%a4%ac%e0%a4%82%e0%a4%a7%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a5%8c%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%b0/
आज मिडिया को गुलामी से दूर होने की अपेक्षा
Read More
re