जीवन के कडवे अनुभव - एक सफर
सफ़र दुनिया की नजर में इस शब्द का मतलब यात्रा करने से है पर वास्तविक अर्थ तो कुछ और ही है । इसका अर्थ तो उन कड़े अनुभवों और संघर्षो से है जो इस जीवन में हमें मिलते है यहाँ हमें नए नए और कडवे अनुभव हर दिन मिलते है जो बहुत कुछ सिखा देते है सब कुछ सहना और किसी से कुछ न कहना हम जीवन के इस सफ़र में ही सीखते है , कभी अच्छा और कभी बुरा अनुभव आपको परिपक्व बनाने में और तपाने में मदद करता है जो कुछ करने के लिए हिम्मत देता है, लोगो की पहचान कराता है और जीवन के इस कठिन डगर में चलना सिखाता है संभलना सिखाता है । इस सफ़र में तो हमेशा ऐसे लोगों से मिलना जुलना लगा रहता है जो बिना कुछ जाने अपना ज्ञान बांटते रहते है ! ये वो ही लोग होते जिन्होंने सही मायने में तो सफर किया ही नहीं होता ये सिर्फ यात्रा करते है जो हमेशा सुखद होती है ये लोग जिन्दगी को कभी समझ ही नहीं पाते बस हमेशा बिना कुछ सोचे अपनी सलाह दूसरों को देते रहते और ये सोचते है की उनकी ये सलाह दूसरे बिना कुछ कहे मान भी ले लेकिन इन्हें क्या मालूम की ऐसा नहीं होता ।लोग बिना किसी के बारे में जाने या अधूरी बाते जानकर ही अपना किसी के प्रति नजरिया बना लेते है और उसी के अनुरूप अपना ज्ञान और अपनी सलाह देते रहते है और जब सामनेवाला उनकी बात न माने तो उसे दुनिया का सबसे बुरा इंसान करार देते है । ये दुनिया का रिवाज है जो आज से नहीं सदियों से चला आ रहा है और उसे चाहकर भी कोई नहीं बदल पाया है ।
इस दुनिया में बड़े अजीब लोग है जो लोग आपके अन्दर दिनभर कमिया ढूँढते रहते है वही आपसे मदद लेने में भी जरा सा भी नहीं हिचकते है जब आपको उनकी जरुरत थी तो बड़ी आसानी और चतुरता के साथ अपना हाथ आपकी मदद करने से खींच लिया लेकिन जब उन्हें जरुरत पड़ी तो बड़े आराम से बिना कुछ सोचे मुंह उठा कर आपसे मदद लेने चले आये ये है दुनिया का दस्तूर ।
जिन्हें कभी लगता था की आप किसी काबिल नहीं हो आज जब आपको सफलता मिली , धन -दौलत और शोहरत जब आपके क़दमों है तो खुद को आपका करीबी और शुभचिंतक बताने लगे लेकिन जैसे ही ये सब कुछ आपसे दूर हुआ तो आपके शुभचिंतक भी उसी पल दूर हो गए ये होता है सफ़र का मजा और अर्थ ।
यहाँ बहुत से बुरे अनुभव मिलते है और आपको अपने और पराये , सही और गलत में फर्क करना सब सहज ही समझ आने लगता हैं । इसके अपने सुख भी है और दुःख भी है जो जीवन के सफ़र को तय करने वाले और इसे समझने वालो को इस पथ में आगे चलने और बढ़ने पर मिलेंगे ।
" मेरी मंजिल की बड़ी कठिन डगर है
जिसमें मेरे बड़े कठिन हमसफर हैं
इस सफर में बहुतों ने तोडा है दम मगर
जीता वहीँ है जिसने सफर में गिर कर भी खुद को संभाला अगर है , दम तोडना भी इतना गर होता आसान तो करते ही क्यों ये सफर हम मगर है।"
अपने सपने और अपनी मंजिल का पता तो हर इंसान को खुद ही लगाना होता है और इनके बारे में बहुत सोचकर ही किसी से कहना चाहिए क्योकि यहां तो अनुभवी भी आपका मजाक बनाने से बाज नहीं आते । ये बात मै इतनी आसानी से इसलिए कह पा रहा हूँ क्योकि इस सफ़र को मैंने जिया हैं महसूस किया है लेकिन अभी दम नहीं तोडा है जब तक रहेंगी इस शरीर में सांसे ये सफ़र कभी नहीं थमेगा चाहे कितने ही बुरे और कडवे अनुभवों से क्यों न गुजरना पड़े हमें । हम तो इस पर चलते ही रहेंगे क्योकि ------
हम है राही प्यार के चलना अपना काम हौसला न छोड़ेंगे हारी बाजी जीतेंगे।"
ये खुद से वादा है और चाहे जितने आलोचक क्यों न हो खुद को हम साबित करेंगे ।
उत्तम जैन (विद्रोही )-----
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सफ़र दुनिया की नजर में इस शब्द का मतलब यात्रा करने से है पर वास्तविक अर्थ तो कुछ और ही है । इसका अर्थ तो उन कड़े अनुभवों और संघर्षो से है जो इस जीवन में हमें मिलते है यहाँ हमें नए नए और कडवे अनुभव हर दिन मिलते है जो बहुत कुछ सिखा देते है सब कुछ सहना और किसी से कुछ न कहना हम जीवन के इस सफ़र में ही सीखते है , कभी अच्छा और कभी बुरा अनुभव आपको परिपक्व बनाने में और तपाने में मदद करता है जो कुछ करने के लिए हिम्मत देता है, लोगो की पहचान कराता है और जीवन के इस कठिन डगर में चलना सिखाता है संभलना सिखाता है । इस सफ़र में तो हमेशा ऐसे लोगों से मिलना जुलना लगा रहता है जो बिना कुछ जाने अपना ज्ञान बांटते रहते है ! ये वो ही लोग होते जिन्होंने सही मायने में तो सफर किया ही नहीं होता ये सिर्फ यात्रा करते है जो हमेशा सुखद होती है ये लोग जिन्दगी को कभी समझ ही नहीं पाते बस हमेशा बिना कुछ सोचे अपनी सलाह दूसरों को देते रहते और ये सोचते है की उनकी ये सलाह दूसरे बिना कुछ कहे मान भी ले लेकिन इन्हें क्या मालूम की ऐसा नहीं होता ।लोग बिना किसी के बारे में जाने या अधूरी बाते जानकर ही अपना किसी के प्रति नजरिया बना लेते है और उसी के अनुरूप अपना ज्ञान और अपनी सलाह देते रहते है और जब सामनेवाला उनकी बात न माने तो उसे दुनिया का सबसे बुरा इंसान करार देते है । ये दुनिया का रिवाज है जो आज से नहीं सदियों से चला आ रहा है और उसे चाहकर भी कोई नहीं बदल पाया है ।
इस दुनिया में बड़े अजीब लोग है जो लोग आपके अन्दर दिनभर कमिया ढूँढते रहते है वही आपसे मदद लेने में भी जरा सा भी नहीं हिचकते है जब आपको उनकी जरुरत थी तो बड़ी आसानी और चतुरता के साथ अपना हाथ आपकी मदद करने से खींच लिया लेकिन जब उन्हें जरुरत पड़ी तो बड़े आराम से बिना कुछ सोचे मुंह उठा कर आपसे मदद लेने चले आये ये है दुनिया का दस्तूर ।
जिन्हें कभी लगता था की आप किसी काबिल नहीं हो आज जब आपको सफलता मिली , धन -दौलत और शोहरत जब आपके क़दमों है तो खुद को आपका करीबी और शुभचिंतक बताने लगे लेकिन जैसे ही ये सब कुछ आपसे दूर हुआ तो आपके शुभचिंतक भी उसी पल दूर हो गए ये होता है सफ़र का मजा और अर्थ ।
यहाँ बहुत से बुरे अनुभव मिलते है और आपको अपने और पराये , सही और गलत में फर्क करना सब सहज ही समझ आने लगता हैं । इसके अपने सुख भी है और दुःख भी है जो जीवन के सफ़र को तय करने वाले और इसे समझने वालो को इस पथ में आगे चलने और बढ़ने पर मिलेंगे ।
" मेरी मंजिल की बड़ी कठिन डगर है
जिसमें मेरे बड़े कठिन हमसफर हैं
इस सफर में बहुतों ने तोडा है दम मगर
जीता वहीँ है जिसने सफर में गिर कर भी खुद को संभाला अगर है , दम तोडना भी इतना गर होता आसान तो करते ही क्यों ये सफर हम मगर है।"
अपने सपने और अपनी मंजिल का पता तो हर इंसान को खुद ही लगाना होता है और इनके बारे में बहुत सोचकर ही किसी से कहना चाहिए क्योकि यहां तो अनुभवी भी आपका मजाक बनाने से बाज नहीं आते । ये बात मै इतनी आसानी से इसलिए कह पा रहा हूँ क्योकि इस सफ़र को मैंने जिया हैं महसूस किया है लेकिन अभी दम नहीं तोडा है जब तक रहेंगी इस शरीर में सांसे ये सफ़र कभी नहीं थमेगा चाहे कितने ही बुरे और कडवे अनुभवों से क्यों न गुजरना पड़े हमें । हम तो इस पर चलते ही रहेंगे क्योकि ------
हम है राही प्यार के चलना अपना काम हौसला न छोड़ेंगे हारी बाजी जीतेंगे।"
ये खुद से वादा है और चाहे जितने आलोचक क्यों न हो खुद को हम साबित करेंगे ।
उत्तम जैन (विद्रोही )-----
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